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भू-अभिलेख या खतियान में मालिक का नाम गलत दर्ज हो गया है तो क्या करें? | जानें नाम सुधार की प्रक्रिया

Land Record Name Correction  भू-अभिलेख या खतियान में मालिक का नाम गलत दर्ज हो गया है – पूरी गाइड भूमि रिकॉर्ड (Land Records) का सही होना हर नागरिक के लिए बेहद ज़रूरी है। खासतौर पर खतियान (Record of Rights) और जमाबंदी (Land Register) में मालिक का नाम सही दर्ज होना बहुत महत्वपूर्ण है। अगर यहाँ नाम गलत दर्ज हो जाए तो: ज़मीन बेचने-बँटवारे में दिक्कत नामांतरण (Mutation) अटक सकता है बैंक से लोन लेने में समस्या कानूनी विवाद का खतरा 👉 तो सवाल है – अगर आपके भू-अभिलेख या खतियान में मालिक का नाम गलत दर्ज हो गया है तो क्या करें? चलिए इसे आसान और स्टेप-बाय-स्टेप समझते हैं।  नाम गलत क्यों दर्ज हो जाता है? अक्सर छोटे कारण बड़ी परेशानी बन जाते हैं। नाम गलत दर्ज होने के पीछे ये वजहें हो सकती हैं: टाइपिंग मिस्टेक (हिंदी/अंग्रेज़ी स्पेलिंग में गड़बड़ी) डिजिटलीकरण के दौरान त्रुटि नामांतरण (Mutation) में अधिकारी की चूक पुरानी रजिस्ट्री और खतियान में नाम का फर्क गलत वंशावली (Genealogy) दर्ज होना जानबूझकर गलत नाम दर्ज करना (फ्रॉड)  नाम सुधारने ...

भूमि अभिलेखों में ज़मीन का क्षेत्रफल (रकबा) गलत दर्ज हो गया है तो क्या करें? | समाधान की प्रक्रिया | Progress India

 land record correction  भूमि अभिलेखों (Land Records) में ज़मीन का क्षेत्रफल (रकबा) गलत दर्ज हो गया है तो क्या करें? 👉 भारत में ज़मीन का सही रिकॉर्ड होना बहुत ज़रूरी है। 👉 लेकिन कई बार खतियान, जमाबंदी, नक्शा या रसीद में ज़मीन का क्षेत्रफल (रकबा) गलत दर्ज हो जाता है। 👉 इसका असर नामांतरण, दाखिल-खारिज, बंटवारा, खरीद-बिक्री और कब्ज़ा विवाद तक पहुँच सकता है। इस गाइड में हम समझेंगे: ✅ क्यों गलत रकबा दर्ज हो जाता है ✅ सही रकबा सुधारने की प्रक्रिया ✅ किन दस्तावेज़ों की ज़रूरत होती है ✅ ऑनलाइन और ऑफलाइन आवेदन प्रक्रिया ✅ विवाद की स्थिति में क्या करें  गलत रकबा दर्ज होने के आम कारण पुराने समय की मैनुअल एंट्री में गलती डिजिटल रिकॉर्ड में टाइपिंग मिस्टेक नक्शे और खतियान में अंतर सीमांकन न होना बंटवारे के बाद अपडेट न होना राजस्वकर्मी की लापरवाही  रकबा सुधारने से पहले ये जाँचें ☑️ क्या आपके पास मूल खतियान / जमाबंदी है? ☑️ क्या नक्शा और जमीनी माप में अंतर है? ☑️ क्या आपने हाल ही में लगान रसीद जमा की है? ☑️ क्या आपके पास पुराने कागज़ात...

बिहार में वारिसाना प्रमाण पत्र कैसे बनवाएं? | ऑनलाइन और ऑफलाइन आवेदन प्रक्रिया | Progress India

Legal Heir Certificate  वारिसाना प्रमाण पत्र (Legal Heir Certificate) – पूरी जानकारी  परिचय जब परिवार के किसी सदस्य की मृत्यु हो जाती है, तो उनकी संपत्ति या सरकारी सुविधाएँ पाने के लिए कानूनी उत्तराधिकारी (Legal Heir) साबित करना जरूरी होता है। इस काम के लिए वारिसाना प्रमाण पत्र जारी किया जाता है। यह प्रमाण पत्र राज्य सरकार/जिला प्रशासन द्वारा जारी होता है।  वारिसाना प्रमाण पत्र क्यों जरूरी है? मृतक व्यक्ति की संपत्ति में अधिकार साबित करने के लिए। बैंक अकाउंट, फिक्स्ड डिपॉज़िट, इंश्योरेंस, PF, पेंशन आदि क्लेम करने के लिए। नामांतरण (Mutation) और दाखिल-खारिज की प्रक्रिया में। बिजली/पानी/गैस कनेक्शन ट्रांसफर के लिए। कोर्ट केस या सरकारी कामों में उत्तराधिकारी साबित करने के लिए।  वारिसाना प्रमाण पत्र किनको मिलता है? पत्नी/पति बेटे-बेटियाँ माता-पिता भाई-बहन (यदि माता-पिता और बच्चे नहीं हैं) अन्य कानूनी उत्तराधिकारी (यदि उपरोक्त कोई नहीं है) 👉 प्रमाण पत्र में सभी वारिसों के नाम दर्ज होते हैं।  आवेदन करने से पहले...

मूल खतियान क्या होता है? | ज़मीन के पहले स्वामित्व का प्रमाण कैसे देखें | Progress India

मूल खतियान  मूल खतियान (Original Khatiyan) क्या है? – पूरी गाइड | Progress India  मूल खतियान का मतलब "खतियान" का मतलब है – जमीन का मालिकाना रिकॉर्ड । इसमें लिखा होता है कि जमीन किसके नाम पर दर्ज है, उसका खाता नंबर, खेसरा नंबर, क्षेत्रफल और मालिकाना हक। मूल खतियान का अर्थ है – वह पहला और असली रिकॉर्ड जो जमीन के मालिक के नाम से सरकारी सर्वे के समय दर्ज हुआ था। बाद में नामांतरण, दाखिल-खारिज या बंटवारे के बावजूद मूल खतियान जमीन की बुनियादी पहचान साबित करता है।  मूल खतियान क्यों जरूरी है? जमीन पर मालिकाना हक साबित करने के लिए नामांतरण और दाखिल-खारिज में आधार दस्तावेज़ जमीन का बंटवारा करने में कोर्ट केस या विवाद की स्थिति में सरकारी योजना या मुआवज़ा लेने के समय 👉 बिना मूल खतियान के जमीन के हक़ को कानूनी तौर पर मजबूत तरीके से साबित करना मुश्किल हो सकता है।  मूल खतियान में क्या-क्या लिखा होता है? खाता संख्या – मालिक की जमीन का यूनिक नंबर खेसरा संख्या – प्लॉट/पार्सल नंबर मालिक का नाम – जिस व्यक्ति के नाम पर सर्वे हुआ ...

C.S., R.S., और Halka खतियान क्या है? | पूरी गाइड और अंतर – Progress India

CS, RS AND HALKA KHATIYAN  C.S., R.S., और Halka खतियान – पूरी जानकारी (Progress India गाइड) भारत में जमीन से जुड़े विवाद और दस्तावेज़ों की सबसे बड़ी वजह है — खतियान । लेकिन जब हम खतियान निकालने जाते हैं तो कई बार सामने आता है – 👉 C.S. खतियान 👉 R.S. खतियान 👉 Halka खतियान अब सवाल उठता है – ✅ ये अलग-अलग खतियान क्या हैं? ✅ इनमें अंतर क्या है? ✅ क्यों ज़रूरी हैं? ✅ और कब किसका इस्तेमाल होता है? चलिए इसे आसान भाषा और पॉइंट्स में समझते हैं। 1. खतियान क्या है? (Basic Understanding) खतियान = सरकारी रजिस्टर जिसमें जमीन का विवरण दर्ज रहता है। इसमें लिखा होता है – ✔ खाता संख्या ✔ खेसरा संख्या ✔ मालिक का नाम ✔ जमीन का क्षेत्रफल ✔ उपयोग (खेती/घर/बंजर आदि) खतियान = Ownership Proof (मालिकाना अधिकार का आधिकारिक दस्तावेज़)। 2. C.S. खतियान (Cadastral Survey) C.S. खतियान = सबसे पुराना खतियान। इसे ब्रिटिश काल में (1905-1915) कराया गया था। यह सर्वे पूरे बिहार और बंगाल में हुआ। इसमें दर्ज है – उस समय किसके पास कितनी जमीन थी। 👉 लेकिन समस्या: यह बहु...

नामांतरण, दाखिल-खारिज और वंशावली विवाद कैसे सुलझाएँ? पूरी गाइड | Progress India

जमीन बंटवारे या नामांतरण को लेकर विवाद  नामांतरण, दाखिल-खारिज और वंशावली से जुड़े विवाद – समाधान की पूरी गाइड भूमि विवाद भारत में सबसे आम कानूनी मामलों में से एक है। किसी भी ज़मीन का मालिकाना हक़ साबित करने और उसका रिकार्ड सही कराने के लिए नामांतरण (Mutation), दाखिल-खारिज और वंशावली (Heirship) बेहद महत्वपूर्ण होते हैं। 👉 लेकिन कई बार इनमें गड़बड़ी या देरी के कारण परिवारों में झगड़े और कानूनी विवाद पैदा हो जाते हैं। 👉 अगर आप भी ऐसे विवाद का सामना कर रहे हैं, तो यह गाइड आपके लिए है। 1. नामांतरण (Mutation) क्या है? जब ज़मीन बेचने, खरीदने या विरासत में मिलने के बाद नए मालिक का नाम सरकारी रिकार्ड (खतियान/जमाबंदी) में दर्ज किया जाता है, तो उसे नामांतरण कहते हैं। यह प्रक्रिया ज़मीन के मालिक को आधिकारिक पहचान देती है। क्यों जरूरी है? ✔ बैंक से लोन लेने के लिए ✔ रजिस्ट्री या बंटवारे के समय ✔ सरकारी योजनाओं और सब्सिडी पाने के लिए  2. दाखिल-खारिज क्या है? दाखिल-खारिज का मतलब है – दाखिल = नया नाम ज़मीन के रिकार्ड में जोड़ना खारिज = पुराने मालिक का नाम...

नक्शा (Land Map) क्या है? | जमीन के नक्शे की जानकारी, उपयोग और ऑनलाइन देखने की प्रक्रिया | Progress India

Land Map  नक्शा (Land Map) क्या है? पूरी जानकारी भारत में जमीन-जायदाद से जुड़े विवाद बहुत आम हैं। 👉 इनमें सबसे बड़ी दिक्कत होती है – जमीन की असली सीमा पहचानना । यहीं काम आता है – नक्शा (Land Map) । नक्शा सिर्फ एक कागज़ का टुकड़ा नहीं होता, बल्कि यह आपके मालिकाना हक़, जमीन की पहचान और सीमांकन का सबसे बड़ा सबूत है।  नक्शा (Land Map) क्या है? नक्शा वह सरकारी दस्तावेज़ है जिसमें किसी भूमि का आकार, लंबाई-चौड़ाई और सीमाएँ स्पष्ट रूप से दर्ज होती हैं। इसमें हर खेत, खेसरा (Plot), और खाता (Account) नंबर की स्थिति (Location) दिखाई जाती है। यह दस्तावेज़ राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग द्वारा बनाया और सुरक्षित रखा जाता है। 👉 सरल शब्दों में: नक्शा = आपकी जमीन का आधिकारिक Google Map  नक्शा क्यों जरूरी है? ✔ जमीन के मालिकाना हक की पहचान ✔ बंटवारे (Partition) में सीमा तय करने के लिए ✔ रजिस्ट्री / नामांतरण के समय ✔ अवैध कब्ज़ा या अतिक्रमण रोकने के लिए ✔ सरकारी योजनाओं और मुआवज़े में दावे के लिए ✔ कोर्ट केस (सिविल केस) में सबूत के रूप में 👉 अगर आपके पास नक्...